नई दिल्ली.रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस दौरान पीएम, उनकी कैबिनेट और बाकी तमाम पार्टियों के नेता मौजूद थे। नरेंद्र मोदी अपने चैंबर से निकलकर रामनाथ कोविंद को रिसीव करने संसद के गेट जा रहे थे। इसी दौरान कॉरिडोर में उन्हें राहुल गांधी नजर आए। दोनों का आमना-सामना हुआ। मोदी ने हाथ बढ़ाकर पूछा- कैसे हैं राहुल जी? इस पर राहुल ने दोनों हाथ पीएम की तरफ बढ़ा दिए। कहा- सर, ठीक हूं सर। और कौन था राहुल के साथ...
- मोदी संसद के गेट की तरफ बढ़ रहे थे। इस दौरान सामने उन्हें राहुल नजर आए। पीएम रुके और राहुल की तरफ बढ़े। हाथ आगे बढ़ाया और पूछा- कैसे हैं राहुल जी? राहुल ने मुस्कराते हुए दोनों हाथ पीएम की तरफ बढ़ा दिए। कहा- सर, ठीक हूं सर। इसके बाद पीएम सिंधिया और थरूर से भी मिले। Amaze Servers
21वीं सदी भारत की होगी
- कोविंद बोले, "गांधीजी ने हमें मार्ग दिखाया। सरदार पटेल ने हमारे देश का एकीकरण किया। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने हम सभी में मानवीय गरिमा और गणतांत्रिक मूल्यों का संचार किया। वे राजनीतिक स्वतंत्रता से संतुष्ट नहीं थे। वे करोड़ों लोगों की आर्थिक स्वतंत्रता का लक्ष्य चाहते थे। हम 21वीं सदी के दूसरे दशक में हैं। हमें भरोसा है कि ये भारत की सदी होगी। हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो आर्थिक नेतृत्व देने के साथ ही नैतिक आदर्श भी प्रस्तुत करे।"
- "विविधता ही हमारा वो आधार है जो हमें विशेष बनाता है। हम बहुत अलग हैं, फिर भी एक हैं और एक रहेंगे। 21वीं सदी का भारत औद्योगिक क्रांति को भी विस्तार देगा। हमें अपनी परंपरा और प्रौद्योगिकी को प्राचीन भारत के ज्ञान और समकालिन विज्ञान के साथ लेकर चलना है। डिजिटल राष्ट्र हमें विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेगा।"
Source:-Bhaskar
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21वीं सदी भारत की होगी
- कोविंद बोले, "गांधीजी ने हमें मार्ग दिखाया। सरदार पटेल ने हमारे देश का एकीकरण किया। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने हम सभी में मानवीय गरिमा और गणतांत्रिक मूल्यों का संचार किया। वे राजनीतिक स्वतंत्रता से संतुष्ट नहीं थे। वे करोड़ों लोगों की आर्थिक स्वतंत्रता का लक्ष्य चाहते थे। हम 21वीं सदी के दूसरे दशक में हैं। हमें भरोसा है कि ये भारत की सदी होगी। हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो आर्थिक नेतृत्व देने के साथ ही नैतिक आदर्श भी प्रस्तुत करे।"
- "विविधता ही हमारा वो आधार है जो हमें विशेष बनाता है। हम बहुत अलग हैं, फिर भी एक हैं और एक रहेंगे। 21वीं सदी का भारत औद्योगिक क्रांति को भी विस्तार देगा। हमें अपनी परंपरा और प्रौद्योगिकी को प्राचीन भारत के ज्ञान और समकालिन विज्ञान के साथ लेकर चलना है। डिजिटल राष्ट्र हमें विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेगा।"
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